उच्चतम न्यायालय: प. बंगाल में 25,753 कर्मियों की नियुक्ति रद्द

सुप्रीम कोर्ट ने कहा, हमारेविचार में यह ऐसा मामला हैजिसमें पूरी चयन प्रक्रिया त्रुटिपूर्ण है

नई दिल्ली। पश्चिम वंगाल सरकार को वड़ा झटका देते हुए उच्चतम न्यायालय ने राज्य में सरकारी और सरकारी सहायता प्राप्त स्कूलों में 25,753 शिक्षकों और अन्य कर्मचारियों की नियुक्ति को वृहस्पतिवार को अवैध करार दिया और चयन प्रक्रिया को “त्रुटिपूर्ण” वताया । कलकत्ता उच्च न्यायालय के फैसले के संबंध में 127 याचिकाओं पर निर्णय सुनाते हुए प्रधान न्यायाधीश ने कहा, “हमारे विचार में यह ऐसा मामला है जिसमें पूरी चयन प्रक्रिया त्रुटिपूर्ण है। बड़े पैमाने पर हेरफेर और धोखाधड़ी के साथ- साथ मामले को छिपाने के प्रयासों ने चयन प्रक्रिया को इतना नुकसान पहुंचाया है कि उसे दुरुस्त नही किया जा सकता।

” प्रधान न्यायाधीश संजीव खन्ना और न्यायमूर्ति संजय कुमार की पीठ ने नियुक्तियों को रद्द करने संबंधी कलकत्ता उच्च न्यायालय के 22 अप्रैल 2024 के फैसले को वरकरार रखते हुए कहा, ” चयन की विश्वसनीयता और वैधता कम हो गई है, इसलिए हमें इसे ( उच्च न्यायालय के आदेश को) कुछ संशोधनों के साथ वरकरार रखना होगा।” फैसला सुनाते हुए प्रधान न्यायाधीश ने कहा कि जिन कर्मचारियों की नियुक्तियां रद्द की गई है, उन्हें अव तक अर्जित वेतन और अन्य भत्ते वापस करने की जरूरत नहीं है।

फैसला मंजूर नहीं पर लागू करूंगी

कोलकाता । पश्चिम वंगाल की मुख्यमंत्री ममता वनर्जी ने कहा कि वह न्यायपालिका का वहुत सम्मान करती है, लेकिन विद्यालयों में शिक्षकों की नियुक्तियों को
अमान्य करार देने संबंधी उच्चतम न्यायालय के फैसले को वह स्वीकार नहीं कर सकतीं। ममता ने कहा कि सरकार उच्चतम न्यायालय के फैसले का पालन करेंगी, अन्य कानूनी विकल्पों पर भी विचार कर रही हैं।

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